एक घर के तीन लोगों की जलीं चिताएं: 36 घंटे से नहीं जले चूल्हे, गांव में उमड़ी भीड़, नम आंखों से दी अंतिम विदाई



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हाथरस हादसा – फोटो : अमर उजाला

हाथरस जंक्शन क्षेत्र के गांव जैतपुर के निकट हुए सड़क हादसे में जान गंवाने वाले गांव कुम्हरई के एक ही परिवार के साढ़े तीन माह के बच्चे और दो महिलाओं के शवों का बुधवार की दोपहर 12 बजे गांव में बेहद गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। गांव में सुबह से आसपास के गांवों के ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित होना शुरू हो गया। 36 घंटे से गांव के कई घरों में चूल्हे नहीं जले हैं।




हाथरस हादसा, एक ही परिवार के तीन लोगों का किया गया अंतिम संस्कार

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हाथरस हादसा – फोटो : अमर उजाला

उल्लेखनीय है कि मंगलवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे जंक्शन थाना क्षेत्र के गांव जैतपुर के निकट मैक्स वाहन और कैंटर की भीषण भिड़ंत में डेढ़ माह के बच्चे और तीन महिलाओं सहित सात की मौत हुई थी। मरने वालों में साढ़े तीन माह का ईशु, पुष्पा देवी व प्रेमा देवी गांव कुम्हरई की निवासी थीं। इस मैक्स में 11 सवारियां तो गांव कुम्हरई की थीं। हादसे से गांव में कोहराम मच गया।


हाथरस हादसा, एक ही परिवार के तीन लोगों का किया गया अंतिम संस्कार

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हाथरस हादसा – फोटो : अमर उजाला

हादसे की सूचना मिलते ही जिला अस्पताल की ओर दौड़ पड़े लोग

आलम यह रहा है कि जैसे ही गांव में हादसे की सूचना पहुंची तो ग्रामीण व परिजन जिला अस्पताल की ओर दौड़ पड़े। यहां से देर रात शवों को पोस्टमार्टम के बाद गांव कुम्हरई पहुंचाया गया। रात में रिश्तेदार व परिजनों के आने के कारण बुधवार की दोपहर को तीनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया। मृतक ईशू का अंतिम संस्कार बाबा राजपाल सिंह ने दफनाकर किया। इधर, प्रेमा देवी की चिता को उनके पति गरीबदास व पुष्पा देवी की चिता को उनके पति गुड्डू ने मुखाग्नि दी। तीनों शवों का एक साथ अंतिम संस्कार देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।


हाथरस हादसा: एक ही परिवार के तीन लोगों का किया गया अंतिम संस्कार

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हाथरस हादसा – फोटो : अमर उजाला

परिजनों ने किया था आगाह- सिकंदराराऊ रोड बन रही है, जलेसर से निकलना

उत्तर प्रदेश के हाथरस के गांव कुम्हरई निवासी गुड्डू के ससुर को देखने एटा के गांव नगला इमलिया जा रहे लोगों को परिवार के लोगों ने आगाह किया था कि  सिकंदराराऊ मार्ग पर सड़क बन रही है, इसलिए जलेसर रोड वाली सड़क से होकर निकल जाना, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। हादसे के बाद अब परिजन यही कह रहे हैं कि अगर ध्यान दिया होता तो शायद दुर्घटना नहीं होती।


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हाथरस हादसा – फोटो : अमर उजाला

गुड्डू की पत्नी पुष्पा चार दिन पहले नगला इमलिया से अपने पिता रामनरेश को देखकर लौटी थीं। परिजनों ने उनसे कहा कि अकेले ही अपने पिता को देख आईं। हमें भी साथ ले चलतीं तो हम भी देख आते। इस बात पर फिर से गुड्डू ने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गांव इमलिया जाने का कार्यक्रम बना लिया। परिवार के बच्चे सहित 11 सदस्य वहां जाने के लिए तैयार हो गए।


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