भारत में सड़क परिवहन के क्षेत्र में एक दिलचस्प बदलाव आ रहा है। यूनियन रोड ट्रांसपोर्ट और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में घोषणा की कि सरकार एक नया कानून पेश करने की योजना बना रही है, जिसके तहत सभी वाहनों के सींग में भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की आवाज का उपयोग करना अनिवार्य होगा। इस बदलाव के बाद, अब आप बांसुरी, तबला, हारमोनियम और अन्य भारतीय उपकरणों की आवाज़ सुनेंगे, जो न केवल सुनने के लिए सुखद होगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को भी बढ़ावा देगा।
भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की आवाज से बदलें
नितिन गडकरी ने इस योजना के बारे में विस्तार से कहा कि वह एक कानून लाने जा रहे हैं जिसमें केवल भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की आवाज़ का उपयोग किया जा सकता है। बांसुरी, तबला, वायलिन और हारमोनियम जैसे भारतीय उपकरणों की आवाज़ को सींग के सींग में सुना जाएगा, जिसमें न केवल एक नया अनुभव होगा, बल्कि सड़क पर आवाज के प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी।
गडकरी ने यह भी कहा कि यह बदलाव सड़क पर लोगों के लिए एक सुखद अनुभव बन जाएगा, क्योंकि भारतीय संगीत की मधुर आवाज़ें दिमाग को खुश करेगी और पर्यावरण को भी बेहतर बनाएगी।
दुनिया में भारत का तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार
इस अवसर पर, गडकरी ने भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है, जो केवल संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन से पीछे है। भारत और निर्यात में वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण, इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था भी तेजी से बढ़ रही है।
गडकरी ने यह भी कहा कि परिवहन क्षेत्र भारत में वायु प्रदूषण में 40 प्रतिशत का योगदान देता है। इसलिए, सरकार के पास हरे और जैव ईंधन चलाने वाले वाहनों को बढ़ावा देने की योजना है, ताकि प्रदूषण की समस्या को कम किया जा सके और पर्यावरण को भी बचाया जा सके।
मेथनॉल, इथेनॉल और हरे ईंधन की ओर सरकारी पहल
गडकरी ने यह भी बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार मेथनॉल, इथेनॉल और अन्य हरे ईंधन पर आधारित वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है। इन ईंधनों के उपयोग से न केवल वाहनों के प्रदूषण को कम किया जाएगा, बल्कि भारत को ऊर्जा आत्म -आत्मसात की दिशा में भी एक बड़ा कदम मिलेगा। गडकरी के अनुसार, ये कदम भारतीय सड़क परिवहन को मजबूत करेंगे और भारत को दुनिया में प्रदूषण -परिवहन क्षेत्र में एक अग्रणी देश बना देंगे।
भारत में वाहन उद्योग की बढ़ती ताकत
गडकरी ने भारत के वाहन उद्योग की ताकत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को दो -शाखाओं और कारों के निर्यात से काफी राजस्व मिलता है। 2014 में, भारतीय वाहन क्षेत्र की कीमत 14 लाख करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गई है। यह एक महत्वपूर्ण विकास है, जो भारतीय वाहन उद्योग की सफलता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को भारत में वाहनों के उत्पादन और निर्यात में वृद्धि से बहुत लाभ हुआ है। यदि यह वृद्धि इस गति से जारी रहती है, तो भारत आने वाले वर्षों में अधिक ऑटोमोबाइल बाजारों में शामिल हो सकता है।
निष्कर्ष
नितिन गडकरी की इस पहल ने भारतीय सड़क परिवहन को एक नई दिशा देने की योजना बनाई है। वाहनों के सींग में भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की आवाज को शामिल करने का कदम न केवल पर्यावरण की बेहतरी के लिए है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति को भी बढ़ावा देगा। इसके साथ ही, सरकार के प्रयास भारत के वाहन उद्योग को मजबूत करेंगे और वायु प्रदूषण को भी कम करेंगे। यह परिवर्तन भारतीय सड़कों पर यात्रा करने का अनुभव और भी अधिक सुखद बना देगा।
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