Azamgarh News: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के तरवा थाना क्षेत्र में एक दलित युवक की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताया। घटना के बाद पुलिस की लापरवाही को देखते हुए थानाध्यक्ष सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, साथ ही मामले की जांच के लिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
तरवा थाना क्षेत्र के उमरी गांव निवासी सनी को पुलिस ने छेड़खानी के एक मामले में हिरासत में लिया था। बताया जा रहा है कि सनी का गांव की एक युवती के साथ प्रेम-प्रसंग चल रहा था जिसे लेकर युवती के परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने सनी को पूछताछ के लिए थाने बुलाया और दो दिन तक उससे पूछताछ की। पुलिस का दावा है कि शनिवार सुबह करीब 6 बजे सनी ने बाथरूम जाने के बहाने शौचालय में अपने पजामे के नाड़े को वेंटिलेशन ग्रिल से बांधकर फांसी लगा ली। इसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हालांकि मृतक के परिजनों ने पुलिस के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। उनका आरोप है कि सनी को तीन दिन तक थाने में अवैध रूप से रखा गया और उसकी पिटाई की गई जिसके चलते उसकी मौत हुई। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने मौत को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को फंदे से लटकाया और बाद में उसे गायब करने की कोशिश की।
परिजनों का गुस्सा और प्रदर्शन
सनी की मौत की खबर फैलते ही परिजन (Azamgarh News) और सैकड़ों ग्रामीण थाने के बाहर जमा हो गए। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए थाने के बाहर जमकर हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगा दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान गुस्साई भीड़ ने पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की।
यह भी पढ़े: यूपी में हाईवे से गुजरना अब हुआ और महंगा, जानिए कितनी बढ़ गई टोल टैक्स की दरें
घटना पर एसपी का बयान
आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) हेमराज मीणा ने घटना पर सफाई देते हुए कहा, “तरवा थाने में एक युवती की शिकायत पर सनी को हिरासत में लिया गया था। शनिवार सुबह वह शौचालय गया जहां उसने अपने पजामे के नाड़े से वेंटिलेशन ग्रिल पर फांसी लगा ली। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।” एसपी ने बताया कि सनी पहले भी युवती को परेशान कर चुका था जिसके चलते उसे दो बार समझाया गया था। इस बार युवती की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था और उसका चालान होना था लेकिन उसने यह कदम उठा लिया। उन्होंने आगे कहा कि शव का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया गया जिसकी पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Azamgarh News) में मौत का कारण ‘हैंगिंग’ बताया गया है और शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं पाए गए। फिर भी घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से थाना प्रभारी अखिलेश पटेल, सब-इंस्पेक्टर भीम सिंह और कांस्टेबल प्रमोद यादव को निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच के नतीजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर प्रदर्शन के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।