नोएडा ऑनलाइन डेस्क। ‘नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एमके जनाब’ आपने सजाएं तो बहुत सुनी और पढ़ी होंगी पर यूपी के नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एमके ने सरकारी अफसर व कर्मचारियों को ऐसा ‘दंड’ दिया, जिसकी पूरे देश में चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर जैसे ही सजा की तस्वीर सामने आई, वैसे ही यूजर्स गदगद होकर ‘खटाखट-खटाखट-खटाखट’ कमेंट लिखने शुरू कर दिए। साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ के इस जांबाज अफसर के कसीदे भी गढ़े।
अब जानें क्या है पूरा मामला
मामला नोएडा अथॉरिटी से जुड़ा है। दरअसल एक बुजुर्ग दंपती आवास की फाइल आगे बढ़वाने के लिए अफसरों के चक्कर काट रहे थे। अफसरों के केबन पर जाते तो वह सरकारी बाबुओं के पास भेज देते। बाबू फाइल को आगे बढ़ाने के बजाए दूसरे कर्मचारियों के पास दंपत्ति को दौड़ाते। थक-हार कर दंपत्ति सोमवार को सीईओ लोकेश एमके पास पहुंचे और अपनी पूरी कहानी उनके सामने बयां की। जिस पर सीईओ ने बुजुर्ग दंपती की पीड़ा सुनने के बाद आवासीय विभाग के अधिकारियों को आवंटी के भागदौड़ के दर्द से वाकिफ कराने के लिए बड़ा एक्शन लिया।
सजा की जमकर हो रही चर्चा
सीईओ लोकेश एमके ने आवासीय विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को तलब कर लिया। सभी को जमकर फटकार लगाई और काम पर लापराही बरतने के आरोप में आधा घंटे तक खड़े होकर काम करने की सजा सुना दी। आवासीय विभाग के कर्मचारी सजा पाने के बाद काम कर रहे हैं कि नहीं इसकी निगरानी भी सीसीटीवी से की गई। सजा पूरी होने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों को बैठने के निर्देश दिए। सीईओ का यह आदेश अथॉरिटी में चर्चा का विषय बन गया है। मामला सोशल मीडिया में आने के बाद सीईओ के इस दंड की जमकर प्रशंसा हो रही।
आगे भी मिल सकती है ऐसी ही सजा
सीईओ की ये सजा अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच एक संदेश देने के लिए था, जिससे वे अपने कार्यों को समय पर और प्रभावी ढंग से पूरा कर सकें। चर्चा है कि अगर दोबारा किसी के साथ ऐसा किया तो फिर से सजा मिल सकती है। साथ ही दंपती की आवास से जुड़ी फाइल को सीईओ ने मंगलवार को तलब करते हुए एसीईओ से जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने को कहा है। सीईओ के इस कार्य से दंपत्ति भी खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि काश हर विभाग में ऐसा अफसर हो तो सरकारी दफ्तरों में चक्कर लोगों को नहीं काटने पडे।
दपंत्ति ने कहा शुक्रिया
दंपत्ति ने बताया कि कई बार विभाग से संपर्क करने के बावजूद उनके मामले में कोई प्रगति नहीं हुई, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनकी पीड़ा सोमवार को जब सीईओ लोकेश एम तक पहुंची तो उन्होंने अधिकारियों को जिम्मेदारी का अहसास दिलाया। दंपत्ति ने बताया कि वह कईमाह से दफ्तर के चक्कर लगा रहे थे। कभी अफसर में हमें बाबू के पास भेजते तो कभी कभी बाबू कर्मचारियों के पास जाने को कहते। हम चक्कर लगाकर थक गए थे। तभी सीईओ के पास जाने का मन बनाया और हमारा काम भी हो गया।
कौन हैं आईएएस लोकेश एम
आईएएस लोकेश एम कानपुर के मंडलायुक्त थे। उन्हें कुछ माह पहले नोएडा अथॉरिटी का सीईओ बनाया गया था। कानपुर से पहले डा. लोकेश एम ने 29 जुलाई 2021 को सहारनपुर मंडल का कार्यभार ग्रहण किया था। 22 माह के अपने कार्यकाल में उन्होंने सबसे बड़ा काम दिल्ली रोड पर दो तालाबों का निर्माण का कराया था। कंपनी बाग में हर्बल पार्क, बटर फ्लाई पार्क आदि की स्थापना कराई थी। लोकेश एम इससे पहले कौशांबी, अमरोहा, मैनपुरी और गाजीपुर जिलों के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में काम कर चुके हैं। वे उत्तर प्रदेश कैडर के 2003 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।