कासगंज में अंबेडकर जयंती के प्लेक्स को लेकर बवाल


कासगंज समाचार: उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के नसरतपुर गांव में रविवार देर रात अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर उस समय हंगामा मच गया जब संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के जयंती प्लेक्स को लेकर दलित और क्षत्रिय समाज के लोग आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों के बीच तनातनी इतनी बढ़ गई कि बात मारपीट और पथराव तक पहुंच गई। इस घटना में दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंकिता शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया।

प्लेक्स लगाने से शुरू हुआ विवाद

जानकारी के अनुसार नसरतपुर गांव (Kasganj News) में तालाब के पास की जमीन पर क्षत्रिय समाज का एक फ्लेक्स बोर्ड पहले से ही लगा हुआ था। रविवार देर रात दलित समाज के लोग बाबा साहब की जयंती के लिए प्लेक्स बोर्ड लगाने पहुंचे और उन्होंने वहां अपना बोर्ड लगा दिया। इसकी खबर मिलते ही क्षत्रिय समाज के लोग मौके पर पहुंच गए और दलित समाज द्वारा लगाए गए प्लेक्स को हटाने की कोशिश की। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हुई, जो देखते ही देखते मारपीट और पथराव में बदल गई। पथराव के दौरान दोनों पक्षों के कई लोग जख्मी हो गए।

पुलिस ने संभाला मोर्चा

घटना की सूचना पर कोतवाली पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी अंकिता शर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती और सीओ आंचल चौहान भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने तनाव को कम करने के लिए तत्काल दोनों पक्षों के प्लेक्स बोर्ड हटवा दिए। इसके बाद एसपी के नेतृत्व में पुलिस ने गांव में पैदल गश्त कर हालात पर काबू पाया।

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स्थिति नियंत्रण में.. पुलिस तैनात

सीओ कासगंज (Kasganj News) आंचल चौहान ने बताया कि प्लेक्स बोर्ड लगाने को लेकर दो पक्षों के बीच तनातनी हो गई थी। दोनों पक्षों के प्लेक्स को हटा दिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और किसी भी तरह की अशांति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

गांव में तनाव.. दहशत में लोग

इस घटना के बाद नसरतपुर गांव (Kasganj News) में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोग इस तरह की हिंसक वारदात से दहशत में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि छोटी-सी बात पर इतना बड़ा बवाल होने से सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंची है। लोग पुलिस और प्रशासन से शांति बहाल करने की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। गांव में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर सामाजिक तनाव और संवेदनशील मुद्दों पर संयम बरतने की जरूरत को उजागर किया है।

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