सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अल्पसंख्यक और दलित बहुल सीटों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक नई रणनीति लेकर आई है।
जहां सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी मुख्य रूप से पूर्वांचली मतदाताओं के मुद्दे पर आमने-सामने हैं, वहीं कांग्रेस ने चुनाव के लिए अपनी रणनीति में अल्पसंख्यक और दलित बहुल सीटों को भी शामिल करने का फैसला किया है, जहां वह वापसी करना चाहती है।
सूत्रों के मुताबिक जिन विधानसभा क्षेत्रों पर कांग्रेस का विशेष ध्यान रहेगा उनमें ओखला, सीलमपुर, बाबरपुर, मुस्तफाबाद, मटिया महल, बल्लीमारान, चांदनी चौक, कस्तूबानगर, बादली, नई दिल्ली, नांगलोई जाट, छतरपुर और पटपड़गंज शामिल हैं।
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राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस के शीर्ष नेता प्रचार के आखिरी चरण के दौरान इन क्षेत्रों में रोड शो और रैलियां करेंगे।
आगामी चुनावों की तैयारी में प्रबल दावेदार बने पूर्वांचली मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को घोषणा की कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो वह राष्ट्रीय राजधानी में पूर्वांचलियों के लिए एक अलग मंत्रालय और बजट बनाएगी।
एक अन्य महत्वपूर्ण वोट बैंक, महिला मतदाताओं को पार्टी द्वारा अपने घोषणापत्र में प्रस्तावित ‘प्यारी दीदी योजना’ के तहत 2,500 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता देने का वादा किया गया है।
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पार्टी ने अपनी जीवन रक्षा योजना के तहत सभी दिल्लीवासियों को 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर देने का भी वादा किया है।
बेरोजगारी भत्ता, मुफ्त राशन किट, 500 रुपये में गैस सिलेंडर और 300 यूनिट मुफ्त बिजली पार्टी द्वारा किए गए कुछ अन्य वादे हैं।
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव 5 फरवरी को होंगे और वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी।
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