नया एक्सप्रेसवे: 126 किमी लंबा विरार-अलीबाग मल्टीमॉडल कॉरिडोर मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में ₹55,000 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। इससे विरार से अलीबाग तक यात्रा का समय 3 घंटे से घटकर 1.5 घंटे रह जाएगा। कॉरिडोर में सड़क, मेट्रो और बस सेवाएं शामिल होंगी, जिससे रियल एस्टेट और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
नया एक्सप्रेसवे: महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना विरार-अलीबाग मल्टीमॉडल कॉरिडोर के पहले चरण पर काम जोरों पर है। 126 किमी लंबा यह कॉरिडोर मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) के विरार और अलीबाग को जोड़ने वाला है। इसके निर्माण से न केवल यात्रा का समय आधा हो जाएगा, बल्कि रियल एस्टेट, व्यापार और उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना मुंबई और इसके आसपास के क्षेत्रों में आवाजाही को आसान बनाएगी और यातायात की भीड़ को कम करने में मदद करेगी।
इस परियोजना का पहला चरण विरार से डिंडोशी तक 79 किमी लंबा होगा, जिसमें सड़कों के साथ-साथ मेट्रो और बस सेवाएं भी शामिल होंगी। पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 55,000 करोड़ रुपये है, जबकि पहले चरण के लिए करीब 26,000 करोड़ रुपये तय किये गये हैं. यह परियोजना महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है, और इसे वर्ष 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
यात्रा के समय में कमी और सुविधाएं
विरार-अलीबाग एक्सप्रेसवे मुंबई के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों को जोड़ेगा, जिससे यात्रा का समय मौजूदा 3 घंटे से घटकर केवल 1.5 घंटे रह जाएगा। यह परियोजना महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) द्वारा तैयार की जा रही है और इसका उद्देश्य यातायात को आसान बनाना और समग्र कनेक्टिविटी को मजबूत करना है।
मल्टीमॉडल कॉरिडोर का उद्देश्य
126 किलोमीटर लंबा गलियारा सिर्फ एक्सप्रेसवे तक ही सीमित नहीं होगा बल्कि इसमें सड़क, मेट्रो रेल और समर्पित बस रैपिड ट्रांजिट (बीआरटी) सिस्टम भी शामिल होंगे। परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य परिवहन के विभिन्न तरीकों के बीच निर्बाध कनेक्शन सुनिश्चित करना है।
रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा
विशेषज्ञों के अनुसार, इस परियोजना से न केवल परिवहन में सुधार होगा बल्कि आसपास के क्षेत्रों में रियल एस्टेट की मांग भी बढ़ेगी। विरार, पनवेल और अलीबाग जैसे क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतें बढ़ने और आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं में निवेश देखने की संभावना है।
आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ
परियोजना से ईंधन की खपत और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
बेहतर सड़क बुनियादी ढांचे से औद्योगिक क्षेत्रों में माल ढुलाई में तेजी आएगी।
स्थानीय रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना की विशेषताएं और चरण
कॉरिडोर तीन चरणों में पूरा होगा।
पहले चरण में विरार से पनवेल तक सड़क का निर्माण होगा।
अंतिम चरण पनवेल को अलीबाग से जोड़ेगा।
परियोजना की कुल लागत 55,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
मल्टीमॉडल कॉरिडोर का व्यापक प्रभाव
यह परियोजना न केवल मुंबई क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार करेगी, बल्कि दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) को भी मजबूत करेगी। इसके अलावा इससे मुंबई और पुणे जैसे प्रमुख शहरों के बीच कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी।