संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को करीब पांच घंटे के बवाल के दूसरे दिन दहशत के बीच लोगों में गम, गुस्सा और बेबसी नजर आई। जामा मस्जिद से नखासा और हिंदूपुरा खेड़ा तक सन्नाटा पसरा रहा। चौक-चौराहों पर अधिकतर पुलिसकर्मी ही दिखे। इन सबके बीच कहीं गोली के निशान तो कहीं राख से काली हुई सड़कें और दीवारें बवाल की कहानी बयां कर रही थीं। जान गंवाने वालों के परिजन व आम लोग भी सीधे तौर पर कुछ भी कहने से बचते रहे। बवाल वाले क्षेत्रों से सैकड़ों लोग घरों पर ताला लगाकर अपने रिश्तेदारों के घर चले गए।
वहीं रोडवेज में कंडक्टर रिजवान के मकान के बाहर की खिड़की के टूटे शीशे की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि इसे भी देखिए। इसके बाद कुछ कहने की जरूरत नहीं है। बवाल में मेरे भांजे नईम की मौत हो गई। उसके चार बच्चे हैं। रविवार की सुबह हंसते मुस्कुराते अपनी मिठाई की दुकान पर गया था। शाम को कफन में लिपटा घर लौटा।
मोहल्ला तुर्तीपुरा की संकरी गली के मोड़ पर अजान लोगों की एंट्री होने पर महिलाएं घरों की खिड़कियों से झांकने लगीं। जान गंवाने वाले कैफ के मामा घर के बाहर खड़े मिले। उन्होंने बताया कि जामा मस्जिद के पास कैफ को उसकी मौत खींच ले गई। पोस्टमार्टम कराने के समय पुलिस ने उसकी मौत की सूचना दी। कुछ ऐसी ही गम, गुस्सा और बेबसी की तस्वीर आम लोगों के बीच से भी उभरकर सामने आई।