सपा नेता विनय शंकर तिवारी के घर ईडी का छापा, 750 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी मामले में तलाशी


ED Raid Vinay Shankar Tiwari: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार सुबह सपा के वरिष्ठ नेता और चिल्लूपार के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के घर पर बड़ी कार्रवाई शुरू की। ईडी की टीम सुबह 6 बजे से जिले के धर्मशाला बाजार स्थित पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी के आवास पर छापेमारी कर रही है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और लगभग 750 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में की जा रही है जिसमें विनय शंकर तिवारी और उनके परिवार पर गंभीर आरोप हैं।

बैंक धोखाधड़ी का हैं पूरा मामला

ईडी की टीम दो गाड़ियों में पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया। सूत्रों के अनुसार लखनऊ जोन के अधिकारी धारा 17 के तहत गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड से जुड़े बैंक धोखाधड़ी मामले की जांच के लिए यहां पहुंचे हैं। गंगोत्री एंटरप्राइजेज सड़कों के निर्माण, टोल प्लाजा संचालन और सरकारी अनुबंधों में कार्यरत एक कंपनी है। इस मामले में विनय शंकर तिवारी, उनकी पत्नी रीता तिवारी और अजीत पांडे को मुख्य प्रवर्तक के रूप में नामित किया गया है। आरोप है कि 2012 से 2016 के बीच बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ से 750 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।

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ईडी (ED Raid) ने नवंबर 2023 में गोरखपुर और महाराजगंज में तिवारी परिवार की 72 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी जो इस मामले में एक महत्वपूर्ण कदम था। विनय शंकर तिवारी जो अपने दिवंगत पिता हरिशंकर तिवारी के राजनीतिक उत्तराधिकारी रहे पहले बसपा से विधायक चुने गए और बाद में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस पहले से दर्ज है और यह छापेमारी जांच को और गहराने का संकेत देती है।

छापेमारी के दौरान भारी पुलिस बल तैनात

छापेमारी के दौरान तिवारी हाता क्षेत्र में भारी पुलिस बल भी तैनात है जिससे स्थानीय लोगों में चर्चा जोरों पर है। ईडी के अधिकारी अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दे पाए हैं लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस दौरान दस्तावेज और संपत्तियों से संबंधित सबूत जुटाए जा रहे हैं। गंगोत्री एंटरप्राइजेज पर आरोप है कि उसने बैंक लोन का दुरुपयोग कर धन को अन्यत्र निवेश किया जिससे बैंकों को भारी नुकसान हुआ। यह कार्रवाई राजनीतिक और आर्थिक गलियारों में हलचल पैदा कर सकती है क्योंकि विनय शंकर तिवारी का परिवार पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रभावशाली माना जाता है। मामले की आगे की जांच जारी है और ईडी के निष्कर्षों पर सभी की नजरें टिकी हैं।



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