बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने नागपुर नगर निगम (एनएमसी) को नोटिस जारी कर शहर के फुटपाथों पर विज्ञापन होर्डिंग लगाने के फैसले पर जवाब मांगा है।
सिटीजन फोरम फॉर इक्वेलिटी के अध्यक्ष मधुकर कुकड़े ने फुटपाथों पर विज्ञापन होर्डिंग लगाने के नागपुर नगर निगम (एनएमसी) के फैसले को चुनौती दी है। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नितिन साम्ब्रे और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की खंडपीठ ने एनएमसी आयुक्त को नोटिस जारी कर 29 जनवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि एनएमसी ने शहर में फुटपाथों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग्स के माध्यम से विज्ञापन के लिए अनुबंध देने के लिए एक ई-टेंडर जारी किया, और इस निर्णय को अवैध बताया।
उच्च न्यायालय ने पहले, 20 जुलाई, 2000 को नागपुर नगर निगम (एनएमसी) को फुटपाथों पर होर्डिंग न लगाने और मौजूदा होर्डिंग्स को हटाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद, एनएमसी ने 12 दिसंबर, 2024 को एक विवादास्पद ई-टेंडर जारी किया, जिससे अदालत की अवमानना के आरोप लगे।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि फुटपाथों पर होर्डिंग लगाने से पैदल चलने वालों को असुविधा होगी और अतिक्रमण को बढ़ावा मिलेगा। अवरुद्ध फुटपाथों के कारण, पैदल चलने वालों को सड़कों का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जिससे यातायात बाधित होता है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। मामले में याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व वकील तुषार मंडलेकर ने किया.