मुआवजा न देने पर एनएचएआई से मांगा जवाब इलाहाबाद



उत्तर प्रदेश समाचार डेस्क इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था में रिसीवर नियुक्त करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि संगठन की संपत्तियों और फंड के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए हैं लेकिन कोई सबूत पेश नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में रिसीवर की नियुक्ति का कोई मामला नहीं बनता है. यह आदेश न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र ने जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था व अन्य की याचिका पर दिया। पंकज यादव व अन्य पर संस्था के फंड का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए रिसीवर नियुक्त करने की मांग की गयी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए अधिग्रहीत जमीन का किसानों को मुआवजा न देने पर एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि हलफनामा दायर कर बताया जाए कि मुआवजा तय होने के बाद लंबे समय तक राशि स्वीकृत क्यों नहीं की गई. अभी तक राशि सक्षम प्राधिकारी को हस्तांतरित क्यों नहीं की गयी? यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता तथा न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने शिवपाल सिंह व 17 अन्य किसानों की याचिका पर दिया है.

बस्ती के महरीपुर गांव में नेशनल हाईवे 233 का निर्माण कराया जा रहा है. इसमें कई किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई है। 25 मार्च 2022 को मुआवजे की घोषणा की गई थी लेकिन आज तक एनएचएआई ने मुआवजे की रकम सक्षम अधिकारी के खाते में ट्रांसफर नहीं की है. ऐसे में किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. एनएचएआई के वकील ने स्वीकार किया कि स्वीकृत मुआवजा राशि अब तक उपलब्ध नहीं करायी गयी है.

इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क

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