मिलिए CM  योगी आदित्यनाथ के ‘स्पेशल 7’ से, जिन्होंन


लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश की 9 सीटों के उपचुनाव की तारीखों का शंखनाद हुआ। समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव को 2027 से पहले का सेमीफाइनल बताया। बीजेपी हाईकमान ने सीएम योगी आदित्यनाथ को ‘स्पेशल 9’ का टारगेट दिया। फिर क्या था ‘महाराज जी’ ने सटीक प्लान बनाया। जिताऊ नेताओं को टिकट दिया और पूरी ताकत के साथ सियासी पर उतरे। ताबड़तोड़ रैलियां, रोड शो किए। ‘बंटेगे तो कटेंगे’ के नारे को गली-गली, गांव-गांव तक पहुंचाया। ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के जरिए उपचुनाव की दिशा-दशा बदल दी। उपचुनाव में सपा अपने किले भी नहीं बचा सकी और पहली बार मुस्लिम बाहूल्य सीटों पर कमल का फूल खिला। बीजेपी को उपचुनाव में 7 सीटों पर जीत मिली तो सपा के खाते में सिर्फ दो सीट सीसामऊ और करहल आई।

यहां पर हुआ सबसे बड़ा उलटफेर

यूपी विधानसभा उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने तीन-तीन मंत्रियों को एक-एक सीट की जिम्मेदारी दी। खुद सभी 9 सीटों का दौरा किया। जमीनी एनपुट हासिल किए। जिताऊ नेताओं को टिकट दिए। अखिलेश यादव के पीडीए की काट को लेकर ‘बंटेगे तो कटेंगे’ का नारा लेकर आए। कांग्रेस के बीजेपी संविधान बदल देगी की काट एक हैं तो सेफ के जरिए की। जिसका नतीजा रहा कि जब चुनाव परिणाम आए तो सपा के पैरों के तले से जमीन खिसक गई। मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट में कमल का फूल खिला। इस सीट के परिणाम को सबसे बड़ा उलटफेर माना जा रहा है।

टारगेट पर करहल-सीसामऊ

उपचुनाव में बीजेपी को वर्ष 2022 के चुनाव के मुकाबले तीन सीटों का फायदा हुआ, जबकि इंडिया गठबंधन को इतना ही नुकसान। राष्ट्रीय लोकदल अपनी मीरापुर सीट बचाने में कामयाब रहा। बसपा का प्रदर्शन बेदम रहा। वह चार सीटों पर दस हजार वोट से नीचे सिमट गईं। वहीं, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने मीरापुर और कुंदरकी में अपनी ठीकठाक उपस्थिति दर्ज कराई। उपचुनाव में मिली जीत के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनता ने बीजेपी के विकासवाद पर मुहर लगाई है। बीजेपी दो सीटें हारी है। हम 2027 में सीसामऊ और करहल को जीतेंगे और अभी से इसकी तैयारी में बीजेपी कार्यकर्ताओं को जुट जाना चाहिए।

मीरापुर में रालोद को मिली प्रचड जीत

मीरापुर सीट पर से रालोद ने मिथिलेश पाल को टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतारा। मिथिलेश पाल समाजवादी पार्टी की कैंडीडेट सुम्बुल राणा को 30796 मतों से हरा दिया। रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल को 84304 वोट मिले। सपा प्रत्याशी सुंबुल राणा को कुल वोट 53508 प्राप्त हुए। आजाद समाज पार्टी (कांशी राम) के प्रत्याशी जाहिद हुसैन को 22661, एआईएमआईए के मोहम्मद अरशद को 18869, बसपा के शाहनजर 3248 वोट मिले। यहां पर सपा की हार के कारण कई प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। मतदान के दिन मुस्लिम बहुल इलाकों में 40 प्रतिशत ही वोटिंग हो पाई। इसके अलावा, सपा ने नए चेहरे के साथ प्रयोग किया था, जबकि रालोद ने पुराना और टिकाऊ पत्ता फेंका।

कुंदरकी में बीजेपी का बजा डंका

सबसे ज्यादा चौंकाने वाला परिणाम कुंदरकी में रहा, जहां 65 फीसदी मुस्लिम मतदाता होने के बावजूद सपा प्रत्याशी मो. रिजवान की जमानत जब्त हो गई। यहां बीजेपी प्रत्याशी रामवीर सिंह 1.45 लाख मतों से जीते। रामवीर सिंह को 76.68 प्रतिशत मत मिले। कुंदरकी लंबे समय से बीजेपी के लिए एक चुनौती भरी सीट रही है। बीजेपी ने 1993 में यहां पर जीत हासिल की थी। पिछले तीन बार से सपा के हाजी रिजवान चुनाव जीतते आ रहे है और इस बार भी उन्हें सपा से एक बार फिर टिकट मिला था। कुंदरकी में कुल मतदाताओं की संख्या 3,83,673 है। यहां पर करीब 2 लाख 40 हजार मुस्लिम वोटर्स हैं। तुर्क मुस्लिम की संख्या 88 हजार के आसपास बताई जाती हैं। बाकी अन्य मुस्लिम वोटरों में करीब 40 हजार राजपूत मुसलमान हैं।

गाजियाबाद से जीते संजीव शमा

संजीव शर्मा गाजियाबाद के नए विधायक बन गए है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के सिंह राज जाटव को 69 हजार से अधिक मतों से हराया। 25वें राउंड की गिनती के बाद संजीव शर्मा को 96,878 मत मिले, जबकि सपा प्रत्याशी को 27174 मत मिले। तीसरे नंबर पर बसपा के प्रत्याशी पीएन गर्ग रहे, जिन्हें 10729 मत हासिल हुए। 2007 में संजीव वर्मा ने बीजेपी की सदस्यता ली। इसके बाद उन्हें पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी। साल 2019 में बीजेपी के महानगर अध्यक्ष के रूप में उनको जिम्मेदारी सौंपी गई। संजीव के महानगर अध्यक्ष बनने के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में गाजियाबाद महानगर के अंतर्गत आने वाली गाजियाबाद शहर, साहिबाबाद और मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र में तीनों विधायकों ने जबर्दस्त जीत हासिल की।

जमीन से जुड़े नेताओं में गिनती

संजीव के महानगर अध्यक्ष रहते हुए बीजेपी ने ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में दोनों ब्लॉक प्रमुख को जीत मिली। इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर भी भाजपा ने कब्जा जमाया। नगर निगम के चुनाव में पार्टी ने महापौर के साथ-साथ 67 पार्षदों के साथ रिकॉर्ड जीत हासिल की। इसके बाद वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद से सांसद प्रत्याशी अतुल गर्ग ने जीत हासिल की। चुनाव में लगातार भाजपा प्रत्याशियों की जीत को लेकर संगठन को मजबूत करने में संजीव शर्मा की अहम भूमिका रही। इस कारण अब विधायकी जीतने में संजीव शर्मा सफल रहे।

खैर विधानसभा से जीते सुरेंद्र दिलेर

खैर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में पूर्व सांसद किशनलाल दिलेर के नाती व राजवीर दिलेर के पुत्र सुरेंद्र दिलेर ने अपने परिवार की बादशाहत कायम रखते हुए सपा की चारूकैन को 38393 वोटों के बड़े अंतर से हराया है। 2017 के बाद से बीजेपी की यह लगातार तीसरी जीत है। इस बार के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को कुल 100181 लाख मत प्राप्त हुए है तो सपा प्रत्याशी 61788 वोट ही ले सकीं। बसपा प्रत्याशी डा. पहल सिंह को इस बार 13365 वोटों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है और उनकी जमानत जब्त हो गई। अन्य प्रत्याशी चार अंकों का आंकड़ा भी नहीं छू सके।

फूलपुर सीट से जीते दीपक पटेल

फूलपुर सीट से बीजेपी के दीपक पटेल ने सपा के मो. मुज्तबा सिद्दीकी को 11305 मतों से पराजित किया। बीजेपी उम्मीदवार ने उपचुनाव में 11,305 वोटों से जीत दर्ज की है। दीपक पटेल 78,289 वोट हासिल करने में कामयाब रहे। वहीं, दूसरे स्थान पर रहे सपा के मो. मुज्तबा सिद्दीकी 66,984 वोट हासिल की। बसपा के जितेंद्र कुमार सिंह ने 20,342 वोट हासिल कर दोनों के बीच जीत-हार का अंतर पैदा कर दिया। फूलपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिए सभी दलों ने अपनी ताकत झोंकी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव तक ने जनसभा के जरिए वोटरों को साधा।

कटेहरी में 31 साल के बाद बीजेपी की वापसी

कटेहरी सीट, बीजेपी ने सपा से छीन ली। बीजेपी के धर्मराज निषाद ने समाजवादी पार्टी की शोभावती वर्मा पर 34514 मतों से जीत हासिल की। शोभावती वर्मा, सपा सांसद व पूर्व मंत्री लालजी वर्मा की पत्नी हैं। लालजी वर्मा के सांसद चुने जाने के कारण ही यह सीट रिक्त हुई थी। कटेहरी विधानसभा में लगभग 56 फ़ीसदी मतदान भी हुआ। 1991 में यहां बीजेपी जीती थी। 31 साल बाद कटेहरी में बीजेपी का वनवास खत्म हुआ और कमल खिला। कटेहरी को सपा का गढ़ कहा जाता था। यहां भी करीब 35 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी है। जबकि दलित वोटर्स भी जीत-हार में रोल निभाते आ रहे हैं।

सुचिस्मिता मौर्य चुनी गई विधायक

मझवां में बीजेपी की सुचिस्मिता मौर्य ने सपा की डॉ. ज्योति बिंद को 4922 मतों के अंतर से हराया। पिछले चुनाव में यह सीट एनडीए गठबंधन में शामिल निषाद पार्टी ने जीती थी। इस चुनाव में बसपा कहीं भी मुख्य लड़ाई में नहीं दिखी। शुचिस्मिता मौर्य को कुल 77503 मत मिले, जबकि सपा की डॉ. ज्योति बिंद को 72567 वोट मिले। वहीं बसपा प्रत्याशी दीपू तिवारी को 34800 वोट मिले। यहां पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या अच्छी खासी है। बीजेपी ने इस सीट पर सटीक रणनीति के तहत चुनाव लड़ा। सीएम योगी ने भी जनसभाएं की।

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