Banaras bulldozer action: बनारस की सकरी गलियों को चौड़ा करने की योजना तेज, करीब 150 घरों पर चलेगा बुलडोजर


Banaras bulldozer action: वाराणसी के दालमंडी इलाके में बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी है। बाबा विश्वनाथ धाम तक भीड़ को बेहतर तरीके से पहुंचाने और शहर की संकरी गलियों को चौड़ा करने के लिए प्रशासन ने 146 मकानों को चिह्नित किया है। इन पर आने वाले दिनों में बुलडोजर चलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। करीब 650 मीटर लंबी और 17 मीटर चौड़ी सड़क बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी ने सर्वे और चिह्नीकरण का काम शुरू कर दिया है। Banaras प्रोजेक्ट की कुल लागत 220 करोड़ रुपए आंकी गई है और 2027 तक इसे पूरा करने की योजना है।

दालमंडी की गलियों में शुरू हुआ चिह्नीकरण और सर्वे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद बनारस के दालमंडी इलाके में सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रिया को रफ्तार मिली है। पीडब्ल्यूडी की टीम ने सोमवार देर शाम तक 74 भवनों का चिह्नीकरण कर लिया था और मंगलवार तक 96 मकानों का काम पूरा होने का अनुमान है। कुल 146 भवन इस योजना की जद में हैं। सर्वे टीम हर भवन की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई नाप रही है ताकि उचित मुआवजा निर्धारित किया जा सके।

Banaras पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता केके सिंह ने जानकारी दी कि सभी मकानों की सूची तैयार कर मुआवजा तय करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। कर्मचारियों द्वारा एक विशेष रजिस्टर भी तैयार किया जा रहा है, जिसमें हर भवन का विस्तृत विवरण शामिल किया जाएगा।

650 मीटर लंबी सड़क से बदलेगा बनारस का नक्शा

यह पूरी सड़क दालमंडी से होकर चौक थाने तक जाएगी और इसे 17 मीटर चौड़ा करने की योजना है। यह इलाका पूर्वांचल की सबसे बड़ी मोबाइल एसेसरीज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस की होलसेल मंडी के रूप में जाना जाता है। घनी आबादी वाला यह क्षेत्र वर्ग विशेष की जनसंख्या से प्रभावित है, जिसके चलते शुरुआत में कुछ विरोध भी हुआ, लेकिन अब प्रशासन और पुलिस दोनों इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने में लगे हैं।

दालमंडी से निकलने वाली यह नई सड़क विश्वनाथ धाम तक जाने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग बनकर उभरेगी। इससे श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ेगी और शहर की भीड़भाड़ भी नियंत्रित की जा सकेगी।

मुख्यमंत्री की निगरानी में चल रहा है प्रोजेक्ट

इस Banaras प्रोजेक्ट की निगरानी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। 2024-25 के वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन इस प्रोजेक्ट के लिए 220 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ, जिसमें दो करोड़ रुपए की पहली किश्त रिलीज भी हो चुकी है। अब सर्वे और मुआवजा प्रक्रिया पूरी होते ही भवनों को गिराने और समतलीकरण का काम शुरू होगा।

सरकार का दावा है कि यह सड़क Banaras की सूरत बदल देगी और आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र नए विकास मॉडल के रूप में सामने आएगा।

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