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बांग्लादेश में हिंसा – फोटो : ANI
विस्तार
बांग्लादेश में लगातार अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा। उपद्रवी कभी मंदिरों तो कभी उनके घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हद तो तब पार हो गई, जब यहां के मैमनसिंह और दिनाजपुर में बदमाशों ने दो दिन के भीतर तीन हिंदू मंदिरों में आठ मूर्तियों को खंडित कर दिया। हालांकि, तोड़फोड़ के सिलसिले में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है।
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37 साल के शख्स पर शिकंजा
उत्तरी मैमेंसिग जिले के तहत हलुआघाट पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी (ओसी) अबुल खैर ने बताया कि गुरुवार रात को उपद्रवियों ने शाकुआई क्षेत्र के एक मंदिर में निर्माणाधीन दो मूर्तियों को तोड़ दिया था। इसी को लेकर एक 37 साल के व्यक्ति अजहरुल को गिरफ्तार किया है।
अधिकारी ने कहा, ‘हम उसे आज अदालत में पेश करेंगे।’
‘पांच अगस्त को हसीना को देश छोड़कर जाना पड़ा था’
बता दें कि बांग्लादेश में कई महीनों से तनाव का माहौल है। हालात ऐसे हो गए थे कि इस साल पांच अगस्त को शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़कर भागना पड़ा। इसके बाद हिंदू इस हिंसा की चपेट में आने लगे। अक्तूबर के महीने में चटगांव में हजारों बांग्लादेशी हिंदुओं ने अपने अधिकार और सुरक्षा की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया था। यहां 17 करोड़ की आबादी का केवल आठ प्रतिशत हिंदू हैं। पांच अगस्त से नवंबर तक 50 जिलों में 200 से अधिक हमले हो चुके हैं।
पाकिस्तान से ज्यादा बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा
वहीं, भारत के पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की हालत किसी से छिपी नहीं हुई है। इस साल पाकिस्तान से ज्यादा बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के अधिक केस हुए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद यहां इन हिंसक घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने पड़ोसी राज्यों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए थे।
विदेश मंत्रालय ने बताया था कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में आठ दिसंबर 2024 तक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के 2,200 मामले सामने आए। वहीं, इसी अवधि के दौरान पाकिस्तान में भी ऐसे 112 मामले सामने आए।