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भगीरथ मांझी के परिवार में कलह। – फोटो : अमर उजाला डिजिटल
विस्तार
गया के गेहलौर घाटी निवासी माउंटेन मैन दशरथ मांझी ने 22 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद गेहलौर घाटी में स्थित पहाड़ को काट कर रास्ता बना दिया था। इसके बाद दशरथ मांझी की चर्चा बिहार में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में हो गई थी। उनके इस अद्भुत कार्य की वजह से दशरथ मांझी को माउंटेन मैन का नाम दिया गया था। उसके बाद माउंटेन मैन दशरथ मांझी के पुत्र भगीरथ मांझी ने पूरे परिवार के साथ जदयू की सदस्यता ग्रहण किया था और पूरा परिवार जदयू में ही था। इसी बीच अचानक दशरथ मांझी के पुत्र भगीरथ मांझी ने दिल्ली जाकर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। भगीरथ मांझी के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद माउंटेन मैन दशरथ मांझी की पोती अंशु कुमारी और पौत्र दामाद मिथुन मांझी ने जदयू से विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग की है।
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जदयू ने टिकट दिया तो पिता के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार
माउंटेन मैन दशरथ मांझी के पौत्री (पोती) भागीरथ मांझी की बेटी अंशु कुमारी ने बताया कि गांव के ही कोई नेता लेकर गए थे। जब न्यूज में देखा तो जानकारी हुई कि वह कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन किए हैं। राहुल गांधी के समक्ष चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा है। पहले भी जदयू पार्टी से चुनाव लड़ने का मन बनाया था, लेकिन टिकट नहीं मिला। माउंटेन मैन ने जो भी नीतीश कुमार से मांगा था वह पूरा किया। अगर जदयू से टिकट नहीं मिला और कांग्रेस पार्टी से भगीरथ मांझी को टिकट मिलता है तो अच्छा है। कोई पार्टी तो यह सोचा। अगर जदयू पार्टी हमें टिकट देती है तो वह खुद भी चुनाव लड़ेगी। पिता पुत्री एक दूसरे के या पक्ष विपक्ष में चुनाव नहीं लड़ते है क्या। जीतनराम मांझी ने अपनी बहु को विधायक एवं बेटा को मंत्री बना दिया। समाज के किसी दूसरे लोगो के बारे में तो नहीं सोचा।
परिजनों को मिले शहीद के परिजनों जैसी सुविधा
माउंटेन मैन दशरथ मांझी के पौत्र दामाद मिथुन मांझी का कहना है कि माउंटेन मैन के पुत्र भागीरथ मांझी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण किए हैं, इसकी जानकारी नहीं थी। संविधान सुरक्षा सम्मेलन में वह पटना गए थे। इसके बाद राहुल गांधी के बुलावे पर वह दिल्ली गए हैं। बताया कि उनका भी सोच था कि जिस तरह समाज में दशरथ मांझी विख्यात हुए हैं, उसी तरह वह भी समाजसेवा की भावना रखते है। इसे लेकर वह भी चिंतित थे। मिथुन मांझी ने कहा कि वह खुद जदयू में ही है। सीएम नीतीश कुमार द्वारा दशरथ मांझी को उनकी पहचान देकर विख्यात किया गया। उनके नाम पर स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, सड़क, समाधि स्थल का भी निर्माण कराया गया है। यहां तक कि दशरथ मांझी को एक दिन के लिए अपनी कुर्सी पर बिठाकर उन्हें सम्मानित किया गया था। लेकिन, उनके परिजनों के लिए जो होना चाहिए वह नहीं हुआ। वीर शहीद सैनिकों के परिजनो के तर्ज पर सुविधा मिलनी चाहिए। शहीद सैनिकों के परिजनो को बुलाकर नौकरी नहीं दिया। तो क्या दशरथ मांझी वीर शहीद नहीं हुए? जिन्होंने आमलोगों के लिए पहाड़ को एक छेनी हथौड़ी से काटकर रास्ता बना दिया। परिजनो को भी नौकरी देना चाहिए था। आम लोगों की तरह प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला, नल जल योजना के तहत घर में नल लगा, वृद्धा पेंशन मिल रहा है। परिजनो को सुविधा के नाम पर बीटीएमसी, बोधगया का सदस्य बनाया गया। फिलहाल वह मजदूरी और खेती कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन कर रहे है। सरकार द्वारा नल जल योजना के पंप सेट पर ऑपरेटर के पद पर रखा गया था। जहां 2 वर्षों से वेतन ही नहीं मिला है। कई बार विभाग में इसकी जानकारी दी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। दशरथ मांझी की पोती अंशु कुमारी को आंगनबाड़ी केंद्र में सेविका के पद पर नियुक्त किया गया है, जिसे 6 हजार रुपए महीना मिलता है।
मिथुन भी चाहते हैं चुनाव लड़ना
सरकार भी कभी कभी पलटी मार देता है उसी तरह भागीरथ मांझी को भी लगा कि जब वह जदयू ज्वाइन किए थे तो ख्वाहिश था कि वह भी सुरक्षित क्षेत्र से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े। जदयू से टिकट मिलने वाला था लेकिन वह कट गया। शायद इस बात की नाराजगी रही होगी। उन्हें भी राजनीति में मौका मिलना चाहिए था, जो नहीं मिला। शायद कांग्रेस पार्टी के द्वारा बोला गया होगा, इसलिए कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन किए हैं। मिथुन मांझी ने कहा कि वह भी चुनाव लड़ना चाहते है। अगर नीतीश कुमार चाहते है कि उनके परिवार के किसी सदस्य को टिकट दिया जाय तो इच्छुक है। अगर जदयू टिकट देती है तो वह अपने ससुर भगीरथ मांझी से भी चुनाव में आमने सामने को तैयार है। राजनीति है वह किसी का थोड़े होता है। अपनी अपनी पार्टी का बाहुबल दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए चुनाव लड़ेंगे। मिथुन मांझी ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी पर परिवारवाद का आरोप लगाया है। इमामगंज से वह विधायक थे जब वह छोड़कर सांसद बने तो इमामगंज विधानसभा उपचुनाव से किसी और मांझी समाज को टिकट देना चाहिए था। अपनी पार्टी के किसी सदस्य को हीं टिकट दे देते लेकिन उन्होंने अपनी बहु को टिकट दिया। मिथुन मांझी ने कहा कि समाज के लोगों को भी मौका देना चाहिए।