बिहार समाचार: पटना-आरा के बीच एक बड़े ट्रैफिक जाम ने पिछले दो महीनों से लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। यह जाम अब महाजाम के रूप में पहचान लिया गया है, जो पटना से लेकर आरा और छपरा तक फैला हुआ है। इस जाम की लंबाई 70 किलोमीटर तक है, और इससे करीब 25 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं। जाम की वजह से रोजमर्रा की जिंदगी में परेशानियाँ आ रही हैं, खासकर व्यापार, यातायात, और नागरिकों की रोजी-रोटी पर बुरा असर पड़ रहा है।
महजाम का कारण
रिपोर्ट्स के अनुसार भोजपुर के कोल्हरामपुर और छपरा में सड़क बन रही है। जिससे वाहनों की आवाजाही में दिक्कत हो रही है। दिन भर और रात भर बालू से भरे ट्रक इस रास्ते से गुजरते हैं। इसके अलावा अन्य वाहन भी हो गए। जल्दबाजी के चक्कर में हर कोई पहले निकलना चाहता है। जिससे फौरन जाम लग जाता है। ऐसे में एक बार जाम लगने से वो लंबा खिंचता चला जाता है। इसके बाद पुलिस प्रशासन भी बेबस नजर आती है। वाहनों की कतार तेजी से बढ़ने लगती है। छपरा से लेकर भोजपुर के सहार और पटना जिले में बिहटा, नौबतपुर, बिक्रम तक ट्रक की करीब 70 किलोमीटर की लंबी लाइन लाइन खड़ी है।
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प्रशासन से ना उम्मीद लोग
पुलिस प्रशासन ने बालू से लदे ट्रकों को दूसरे रास्ते से निकालने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रकों को सीधा पटना से कोइलवर तक जाने के बजाय अरवल से भेजा जा सकता है। इससे इस रूट पर वाहन कम हो सकते हैं। पुल का निर्माण करने वाली कंपनी एसपी सिंघला ने कई बार सरकार को पत्र भेजकर पुल की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। फिलहाल इस महा जाम से छुटकारा पाने के लिए अब तक कोई उपाय नहीं किए गए हैं।
समाधान की आवश्यकता
इस स्थिति को लेकर नागरिकों और स्थानीय व्यापारियों में गुस्सा और निराशा फैल गई है। प्रशासन को इस महाजाम को हल करने के लिए शीघ्र कोई ठोस और स्थायी उपाय लागू करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, वैकल्पिक मार्गों और ट्रैफिक नियंत्रण की योजना पर भी काम करना जरूरी है।