Budget 2025: टैक्स में तगड़ी राहत, किसानों से लेकर गिग वर्कर्स तक को मिले फायदे, जानिए पॉइंट्स में


बजट 2025: 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत का आम बजट पेश किया, जिसमें देश की आर्थिक यात्रा को नई दिशा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं। इस बजट में वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए घरेलू विकास और आर्थिक समृद्धि पर विशेष ध्यान दिया गया। इस बजट में किसानों से लेकर टैक्सपेयर्स और मध्य वर्ग तक के लिए कई राहत घोषणाएँ की गईं। साथ ही, देश की इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, और डिजिटल क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अहम कदम उठाए गए हैं।

मध्य वर्ग के लिए टैक्स राहत

Budget 2025 में मध्य वर्ग के लिए सबसे बड़ी राहत दी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे लाखों टैक्सपेयर्स को सीधी राहत मिलेगी, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी और घरेलू खपत में वृद्धि होगी। इसके अलावा, सरकार ने मानक कटौती बढ़ाने और सेक्शन 87A के तहत छूट बढ़ाने की भी घोषणा की, जो आम आदमी की आय में और बढ़ोतरी करेगा।

हालांकि, पुराने टैक्स सिस्टम के धीरे-धीरे समाप्त होने से कुछ लोगों को परेशानियाँ हो सकती हैं, क्योंकि इसमें रियल एस्टेट और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में मिलने वाली छूटें अब उपलब्ध नहीं होंगी। इसके बावजूद, नए टैक्स सिस्टम से सरलता और पारदर्शिता की उम्मीद जताई जा रही है।

Budget 2025: महत्वपूर्ण घोषणाएं और नए आयकर स्लैब

01. नए आयकर स्लैब (नई व्यवस्था): वित्त मंत्री ने नई आयकर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब में बदलाव की घोषणा की है।

    • ₹4 लाख से ₹8 लाख – 5% कर
    • ₹8 लाख से ₹12 लाख – 10% कर
    • ₹12 लाख से ₹16 लाख – 15% कर
    • ₹16 लाख से ₹20 लाख – 20% कर
    • ₹20 लाख से ₹24 लाख – 25% कर
    • ₹24 लाख और उससे ज़्यादा – 30% कर

      02. मध्यम वर्ग के लिए राहत: यदि आपकी आय ₹12 लाख तक है, तो आपको आयकर नहीं देना होगा। इससे लाखों करदाताओं को सीधी राहत मिलेगी, खासकर मध्यम वर्ग के लोगों को।

      03. उदाहरण के साथ कर गणना:

      • केस 1: आय = ₹20 लाख

        • पहले ₹12 लाख पर कोई कर नहीं।
        • ₹12 लाख से ₹16 लाख (₹4 लाख) – 15% कर = ₹60,000
        • ₹16 लाख से ₹20 लाख (₹4 लाख) – 20% कर = ₹80,000
        • कुल कर = ₹1,40,000
      • केस 2: आय = ₹25 लाख

        • पहले ₹12 लाख पर कोई कर नहीं।
        • ₹12 लाख से ₹16 लाख (₹4 लाख) – 15% कर = ₹60,000
        • ₹16 लाख से ₹20 लाख (₹4 लाख) – 20% कर = ₹80,000
        • ₹20 लाख से ₹24 लाख (₹4 लाख) – 25% कर = ₹1,00,000
        • ₹24 लाख से ₹25 लाख (₹1 लाख) – 30% कर = ₹30,000
        • कुल कर = ₹2,70,000

          04.किसानों के लिए नए कदम:

          • वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की।
          • 100 जिलों को उच्च पैदावार वाले बीज और बेहतर ऋण सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
          • इससे किसानों की आय और उत्पादकता में वृद्धि होगी।

          5.कृषि क्षेत्र में सुधार:

          • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के लिए ब्याज सहायता योजना की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है।
          • यह किसानों को सस्ते ऋण की सुविधा प्रदान करेगा।

          6.स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश:

          • अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
          • इस साल 200 कैंसर केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
          • कैंसर उपचार सस्ता और सुलभ होगा।

          7.नौकरी और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश:

          • सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडिचर में 20% बढ़ोतरी की है।
          • सड़क, रेलवे और डिजिटल कनेक्टिविटी का विस्तार होगा।
          • लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

          8.गिग वर्कर्स के लिए स्वास्थ्य योजना:

          • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गिग वर्कर्स को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
          • इससे गिग वर्कर्स को बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी।

          9.उद्योगों को बढ़ावा:

          • प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर्स जैसे नए क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
          • भारत को वैश्विक निर्माण हब बनाने की दिशा में मदद मिलेगी।

          10।स्मार्ट और ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर:

          • ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश किया जाएगा।
          • यह पर्यावरणीय स्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित करेगा।

प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना

भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए इस बजट में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की, जिसके तहत 100 जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए उपाय किए जाएंगे। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा, जिससे कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की स्थिति में सुधार होगा।

इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत ब्याज सहायता योजना की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है, जिससे किसानों को सस्ती दरों पर ऋण मिल सकेगा।

स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश

बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अगले तीन साल में सभी जिला अस्पतालों में ‘डे केयर’ कैंसर केंद्रों की स्थापना की जाएगी, और इस साल 200 कैंसर केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत गिग वर्कर्स को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी बड़े कदम उठाए गए हैं। सरकार ने 20% बढ़ोतरी के साथ कैपिटल एक्सपेंडिचर में वृद्धि की घोषणा की है, जिससे सड़क, रेलवे और डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार होगा और देश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही, ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश किया जाएगा।

वैश्विक निर्माण हब बनाना और डिजिटल क्षेत्र में विस्तार

भारत को वैश्विक निर्माण हब बनाने के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना को विस्तारित किया गया है, जिसमें अब इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर्स जैसे नए क्षेत्र शामिल किए गए हैं। यह कदम भारत को निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम साबित होगा। इसके साथ ही, डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की योजना बनाई है, जो स्टार्टअप्स और फिनटेक कंपनियों को प्रोत्साहित करेगा।

समावेशी विकास की दिशा में कदम

Budget 2025 में सरकार ने ग्रीन तकनीकों और नवीकरणीय ऊर्जा पर भी जोर दिया है, जो नेट जीरो 2070 के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा। साथ ही, स्वास्थ्य, कृषि और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) क्षेत्रों के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं, जो समावेशी विकास को सुनिश्चित करेंगी।

हालांकि, बजट पर कुछ आलोचनाएँ भी हैं, जिनमें मुख्यत: फिस्कल कंसोलिडेशन के बारे में चिंता व्यक्त की गई है। आलोचक मानते हैं कि सरकार की रणनीति ज्यादा कंजर्वेटिव हो सकती है, जिससे दीर्घकालिक विकास में रुकावट आ सकती है।

समावेशी और स्थिर विकास की ओर एक कदम

Budget 2025 भारत के आर्थिक विकास को नई दिशा देने का वादा करता है। यह बजट सिर्फ आर्थिक समृद्धि के लिए नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को लेकर आया है। अगर सरकार इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर पाती है, तो यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा।

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