सीएम योगी सड़क सुरक्षा जागरूकता: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाते हुए 6 से 10 जनवरी तक प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस पहल का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को कम करना और यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। हर साल सड़क दुर्घटनाओं में हो रही हजारों मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए CM Yogi ने सड़क सुरक्षा को प्रदेशव्यापी मिशन बनाने का आह्वान किया। उन्होंने महाकुंभ के दौरान बेहतर यातायात प्रबंधन, ओवरलोडिंग पर कड़ी कार्रवाई और सड़कों पर अनिवार्य साइनेज लगाने पर भी जोर दिया। यह कदम राज्य के 23-25 हजार वार्षिक सड़क दुर्घटना मृतकों को श्रद्धांजलि देने जैसा है।
विभागों को मिले खास निर्देश
लखनऊ में आयोजित राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में CM Yogi ने अधिकारियों को 5 जनवरी तक जिलों में सड़क सुरक्षा समितियों की बैठकें सुनिश्चित करने को कहा। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में निर्देश दिए गए कि सभी जिलों में हर माह सड़क सुरक्षा बैठक आयोजित की जाए और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान कर समाधान योजना तैयार की जाए। नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर रोक, ई-रिक्शा का सख्त पंजीकरण और हेलमेट व सीट बेल्ट को अनिवार्य बनाने पर भी जोर दिया गया।
जनजागरण पर विशेष बल
CM Yogi ने सभी 75 जिलों में सड़क सुरक्षा को जनआंदोलन का रूप देने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेजों में नाटक, निबंध, भाषण और सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्रों को जागरूक किया जाए। रोड सेफ्टी क्लब और पार्क बनाकर बच्चों को यातायात नियमों से जोड़ा जाए। दुर्घटना के बाद राहगीरों से घायलों को ‘गोल्डेन ऑवर’ में अस्पताल पहुंचाने का संदेश भी दिया गया।
परिवहन व्यवस्था पर कड़े कदम
सड़क सुरक्षा अभियान के तहत परिवहन निगम की बसों की फिटनेस और ड्राइवरों की स्वास्थ्य जांच को अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए। बाइक में मोडिफाई साइलेंसर और अवैध बस संचालन पर भी रोक लगाने की बात कही गई। ओवरलोडिंग रोकने और एक्सप्रेसवे पर खड़े लोडेड वाहनों को हटाने के लिए क्रेन तैनात की जाएगी। सीएम ने स्पष्ट किया कि बार-बार चालान होने पर लाइसेंस और परमिट निरस्तीकरण की कार्रवाई फॉस्टैग के जरिए की जाएगी।