हाथरस हादसा: हाथरस में शुक्रवार को गूगल मैप के कारण एक गंभीर दुर्घटना हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। मथुरा-बरेली हाईवे पर गूगल मैप ने यात्रियों को एक ऐसे रास्ते पर भेज दिया, जो अभी ठीक से बना भी नहीं था। इस कारण कारें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। गनीमत रही कि कार में लगे सेफ्टी एयरबैग ने बड़ा नुकसान होने से बचा लिया। इस हादसे ने गूगल मैप और अन्य तकनीकी साधनों के उपयोग पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि यात्री बिना किसी सतर्कता के इन पर निर्भर हो रहे हैं, जो कभी खतरनाक साबित हो सकते हैं।
सड़क की खामियों से हुआ हादसा
गूगल मैप ने यात्रियों को एक अधूरे रास्ते पर भेज दिया, जिस पर डाइवर्जन और चेतावनी बोर्ड की भी कमी थी। मथुरा-बरेली हाईवे के इस रास्ते पर कई खामियां थीं, जिसकी वजह से कारें नियंत्रण खो बैठीं। हालांकि, सेफ्टी एयरबैग के खुलने से बड़ा नुकसान टल गया। इस घटना के बाद स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को कार से बाहर निकाला, फिर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल, सभी घायलों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
बरेली में भी हुआ था ऐसा ही हादसा
यह हादसा एक और दुखद घटना की याद दिलाता है, जो कुछ समय पहले बरेली-बदायूं सीमा पर हुआ था। उस समय गूगल मैप के रास्ते पर चलते हुए एक चालक ने अपनी कार को निर्माणाधीन पुल पर चढ़ा दिया, जो आधा बना हुआ था। इसके कारण गाड़ी नदी में गिर गई और चालक की जान चली गई। गूगल मैप के कारण हुए इस हादसे ने स्थानीय प्रशासन को तकनीकी सुधार की आवश्यकता का एहसास कराया था।
गूगल मैप और प्रशासनिक खामियां
Hathras में हुई घटना से यह साफ हो गया कि गूगल मैप में सुधार की जरूरत है। यदि प्रशासन ने समय रहते तकनीकी बदलाव करवा लिए होते, तो हादसा टल सकता था। बरेली की घटना के बाद प्रशासन ने गूगल मैप में सुधार किए थे, लेकिन इस हादसे के बाद यह सवाल उठता है कि क्या गूगल मैप और प्रशासन अपने सिस्टम को लगातार अपडेट करने में सक्षम हैं।
इस प्रकार की घटनाओं से यह स्पष्ट हो गया है कि गूगल मैप जैसी तकनीकी कंपनियों को अपने सिस्टम में सुधार करना चाहिए। साथ ही, प्रशासन को उन रास्तों पर डाइवर्जन और चेतावनी बोर्ड लगाने चाहिए, जहां निर्माण कार्य चल रहा हो, ताकि यात्री सुरक्षित रह सकें।