Hathras murder: महिला दिवस पर दिल दहला देने वाली वारदात, बेटी की छेड़छाड़… शिकायत करने पर पिता की गोली मारकर हत्या


हाथरस हत्या: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हाथरस जिले में एक खौफनाक वारदात ने प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। बेटी के साथ हुई छेड़खानी की शिकायत करने पर पिता को गोलियों से छलनी कर दिया गया। इस घटना ने न केवल प्रदेश सरकार के महिला सुरक्षा के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि ‘मिशन शक्ति’ जैसे कार्यक्रमों की भी पोल खोल दी है।

8 मार्च 2025 को नोजरपुर गांव में किसान पिता की हत्या कर दी गई। आरोप है कि बेटी के साथ छेड़खानी करने वाले आरोपियों ने शिकायत दर्ज कराने से नाराज होकर इस वारदात को अंजाम दिया। दो दिन पहले ही पीड़ित पिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला दिवस पर जब प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण के नाम पर कार्यक्रम आयोजित कर रही थी, उसी दौरान पिता को खेत में घेरकर गोलियों से छलनी कर दिया गया।

परिवार का आरोप- पुलिस रही निष्क्रिय

पिता की हत्या के बाद परिवार सदमे में है और Hathras पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रहा है। पीड़िता का कहना है कि उन्होंने कई बार पुलिस को धमकियों के बारे में जानकारी दी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बेटी सड़क पर बिलखते हुए इंसाफ की गुहार लगा रही है। वीडियो में बेटी कहती है, “मेरे पापा को मार डाला क्योंकि उन्होंने मुझे बचाने की कोशिश की।”

विपक्ष ने उठाए सवाल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला दिवस पर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर कड़े संदेश दिए थे। लेकिन इस घटना ने उनके “बेटी और व्यापारी की सुरक्षा” के दावे को कठघरे में खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार पर महिला सुरक्षा के नाम पर सिर्फ दिखावा करने का आरोप लगाया है। पत्रकार ममता त्रिपाठी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मुखिया जी भाषण देते रह गए और हाथरस में अपराधियों ने बाप का राम नाम सत्य कर दिया।”

दो आरोपी गिरफ्तार

घटना के बाद Hathras पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, लोगों में आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा। विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं और कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है। प्रदेश सरकार ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

‘मिशन शक्ति’ पर उठे सवाल

2020 में हुए Hathras गैंगरेप कांड और 2021 में अमरीश शर्मा की हत्या के बाद अब यह तीसरी बड़ी वारदात है जिसने प्रदेश सरकार के महिला सुरक्षा दावों को झुठला दिया है। लोगों का कहना है कि मिशन शक्ति के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है।
महिला दिवस पर यह घटना न केवल शर्मनाक है बल्कि सरकार के महिला सुरक्षा के दावों को खोखला साबित करती है। जनता अब सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर रही है।

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