03:13 AM, 03-FEB-2025
संगम का हाल
संगम पर श्रद्धालु
– फोटो : अमर उजाला
#घड़ी | प्रयाग्राज, उत्तर प्रेडश: बसंत पंचमी के अवसर पर अमृत स्नैन के लिए त्रिवेनी संगम के घाट पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं। pic.twitter.com/51b7ibiv2w
– वर्ष (@ani) 2 फरवरी, 2025
03:10 AM, 03-FEB-2025
डुबकी लगाने के लिए नागा साधु तैयार
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि हमने मेला प्रशासन के साथ बैठक की और वसंत पंचमी पर कम से कम 100 ट्रैक्टर त्रिवेणी संगम पर स्नान के लिए रवाना होंगे। हमारे साथ पांच से छह हजार नागा भी होंगे। प्रशासन ने संगम की ओर जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग कर दी है।
#घड़ी | प्रार्थना, यूपी | #MahaKumbh2025 | अखिल भरतिया अखाड़ परिषद के अध्यक्ष, महंत रवींद्र पुरी कहते हैं, “हमने मेला प्रशासन के साथ एक बैठक की और कल कम से कम 100 ट्रैक्टर स्नैन के लिए त्रिवेनी संगम के लिए रवाना होंगे … पांच से छह हजार नाग भी करेंगे … pic.twitter.com/ichnrywr9u
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03:07 AM, 03-FEB-2025
श्रद्धालु पहुंच रहे प्रयागराज
आज वसंत पंचमी के अवसर पर महाकुंभ 2025 के तीसरे अमृत स्नान से पहले श्रद्धालुओं का प्रयागराज पहुंचना जारी है।
#घड़ी | यूपी: भक्तों ने तीसरे अमृत स्नैन के आगे प्रयाग्राज पर पहुंचना जारी रखा #MahaKumbh2025आज- बसंत पंचमी के अवसर पर।
प्रयाग्राज रेलवे स्टेशन से दृश्य pic.twitter.com/rln8uyeltf
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03:05 AM, 03-FEB-2025
वसंत पंचमी पर अमृत काल के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग
वसंत पंचमी पर स्नान-दान के लिए कई शुभ योग बनेंगे, जो अपने आप में दुर्लभ हैं। रवि योग तीन फरवरी की रात 12 :52 से सुबह 07: 08 बजे तक रहेगा। इसके साथ ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:24 से 06:16 बजे तक रहेगा। साथ ही अमृत काल रात 08 :24 से 09 : 53 बजे तक रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 :13 बजे से 12 :57 बजे तक रहेगा।
02:59 AM, 03-FEB-2025
Mahakumbh 2025 Live : वसंत पचमी पर आज तीसरा अमृत स्नान, श्रद्धालुओं का रेला तीर्थनगरी की ओर
महाकुंभ के अंतिम अमृत स्नान पर्व यानी वसंत पंचमी पर संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए लोगों का रेला तीर्थनगरी प्रयागराज की ओर उमड़ रहा है। कुंभ मेला प्रशासन ने सोमवार की शाम तक पांच करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान लगाया है। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। तीसरे अमृत स्नान के लिए आस्था का जन सागर भोर में ही उमड़ने लगा।