महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को औरंगजेब की कब्र को लेकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के प्रयासों की निंदा की। उन्होंने कहा कि इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने लोगों से व्हाट्सएप पर भेजे गए संदेशों के आधार पर इतिहास को समझने से बचने की सलाह दी और सही ऐतिहासिक तथ्यों को जानने के लिए किताबों को पढ़ने की अपील की। ठाकरे ने कहा, कोई देश धर्म के आधार पर प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने तुर्किये का उदाहरण देकर कहा, धर्म आपके घर की चारदीवारी के भीतर ही रहना चाहिए। जब मुसलमान सड़कों पर उतरते हैं या दंगे होते हैं तभी हिंदू अलग तरीके से पहचाने जाते हैं। ऐसा नहीं होने पर हिंदू जातियों के आधार पर विभाजित होते हैं।
गुड़ी पड़वा रैली में राज ठाकरे का बयान
शिवाजी पार्क में अपनी वार्षिक गुढ़ी पड़वा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि मुगल शासक औरंगजेब ने “शिवाजी नामक विचारधारा” को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें विफल रहा और अंत में महाराष्ट्र में ही मारा गया। उन्होंने कहा कि बीजापुर के सेनापति अफजल खान को प्रतापगढ़ किले के पास दफनाया गया था और यह छत्रपति शिवाजी महाराज की अनुमति के बिना संभव नहीं था।
व्हाट्सएप पर इतिहास पढ़ना बंद करें और इतिहास की किताबों…
राज ठाकरे का यह बयान ऐसे समय आया है जब दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की जा रही है। इस मुद्दे को लेकर नागपुर में इस महीने की शुरुआत में हिंसा भी भड़क उठी थी। उन्होंने कहा, क्या हम दुनिया को यह नहीं बताना चाहते कि इन लोगों ने मराठों को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इसके बजाय वे खुद खत्म हो गए। व्हाट्सएप पर इतिहास पढ़ना बंद करें और इतिहास की किताबों को पढ़ें। लोगों से विचलित न होने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि शिवाजी से पहले और शिवाजी के बाद के युगों में सामाजिक-राजनीतिक स्थितियां अलग थीं।
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‘मुद्दों से भटकाने की हो रही है साजिश’
राज ठाकरे ने कहा कि हम अपनी मौजूदा समय की असली समस्याओं को भूल गए हैं। ठाकरे ने हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘छावा’ का जिक्र करते हुए कहा कि वे हिंदू जो सिर्फ एक फिल्म देखकर जागरूक होते हैं, वे किसी काम के नहीं हैं। उन्होंने लोगों से पूछा कि, क्या आपको संभाजी महाराज का बलिदान विक्की कौशल की फिल्म से पता चला और औरंगजेब के बारे में अक्षय खन्ना की वजह से मालूम पड़ा? उन्होंने कहा कि औरंगजेब का जन्म गुजरात के दाहोद में हुआ था। उन्होंने कहा कि जो लोग अपनी स्वार्थी राजनीतिक आकांक्षाओं के लिए लोगों को भड़काते हैं, उन्हें इतिहास से कोई सरोकार नहीं है।
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