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मणिपुर के कांगपोकपी जिले में मंगलवार को कुकी-जो महिलाएं सुरक्षा बलों से भिड़ गईं, जिससे जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में फिर से तनाव बढ़ गया। राज्य की पुलिस ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि महिलाओं के समूह ने सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ की तैनाती में बाधा डालने की कोशिश की। जिसके बाद थामनपोकपी के पास उयोखचिंग गांव में यह घटना हुई।
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पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि सुरक्षा बलों ने न्यूनतम बल प्रयोग करके भीड़ को तितर-बितर किया और अब स्थिति शांतिपूर्ण व नियंत्रण में है। इसमें आगे कहा गया, ‘ऊपरी पहाड़ी इलाकों में किसी भी अवांछित घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।’
स्थानीय लोगों ने क्या आरोप लगाया
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि ट्विचिंग के सैबोल गांव में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कई लोग घायल हुए। यह इलाका कुकी नियंत्रित पहाड़ियों और मेतेई नियंत्रित इंफाल घाटी के बीच एक कथित ‘बफर जोन’ है। उन्होंने कहा कि स्थानीय महिलाएं सामुदायिक बंकरों पर सुरक्षा बलों के कथित जबरन कब्जे के विरोध में एकत्र हुई थीं।
आंसू गैस का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा: कुकी नेता
कुकी समुदाय के एक नेता ने कहा कि स्थिति उस समय और बिगड़ गई, जब सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, यह युद्ध जैसा था। हम अपनी बात रखने आए थे, युद्ध की रणनीतियों का सामना करने नहीं।
सीओटीयू ने बंद किया राष्ट्रीय राजमार्ग
घटना के बाद कुकी जनजातीय एकता समिति (सीओटीयू) ने राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया। यह राजमार्ग क्षेत्र को बाकी देश से जोड़ता है। समिति ने केंद्रीय सुरक्षा बलों को सामुदायिक बंकरों से हटाने की मांग की। सीओटीयू के एक प्रवक्ता ने कहा, हमारे लोग पहले ही काफी तकलीफें झेल चुके हैं। निर्दोष महिलाओं पर अत्यधिक बल प्रयोग स्वीकार नहीं किया जा सकता।
महिला संगठनों ने किया घटना का विरोध
जनजातीय नेताओं के मंच (आईटीएलएफ) की महिला शाखा ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों के बल प्रयोग से कई महिलाएं घायल हुईं। यह घटना क्रिसमस और नव वर्ष के दौरान हुई है, जब लोग शांति, प्रेम और खुशी मनाने के लिए एकत्र होते हैं। सीएपीएफ की कार्रवाई ने डर, आघात और तकलीफ को बढ़ा दिया है।
कुकी महिला अधिकार संगठन (केडब्ल्यूओएचआर) ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने शांतिपूर्वक विरोध करने कुकी महिलाओं को निशाना बनाया। संगठ ने कहा, यह बेहद परेशान करने वाली बात है कि केंद्रीय सुरक्षा बल हमारे समुदाय की परेशानियों को और बढ़ा रहे हैं, जिन्हें शांति और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है। संगठन ने सीएपीएफ के जवानों द्वारा कथित तौर पर कुकी महिलाओं पर शारीरिक हमले, उनके कपड़े फाड़ने और लाठीचार्ज व आंसू गैस फेंकने की कड़ी निंदा की।