{“_id”:”67937a1161b8bf34750c619f”,”slug”:”uk-warns-of-iranian-attempts-to-force-ships-into-its-waters-news-in-hindi-israel-gaza-hamas-2025-01-24″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Persian Gulf: जहाजों को जबरन अपने जलक्षेत्र में ले जाने की कोशिश कर रहे ईरानी, ब्रिटेन ने यात्रियों को चेताया”,”category”:{“title”:”World”,”title_hn”:”दुनिया”,”slug”:”world”}}
सांकेतिक तस्वीर – फोटो : ANI
विस्तार
फारस की खाड़ी में समुद्री यात्रियों को ईरान की क्रांतिकारी गार्ड की तरफ से जहाजों को जबरदस्ती ईरानी जलक्षेत्र में लाने की कोशिशों पर सतर्क रहने के लिए चेतावनी दी गई है। हालांकि, ईरान का जहाजों को परेशान और जब्त करने का पुराना इतिहास है, हाल के समय में उसने सीधे ऐसे कई हमले नहीं किए हैं। इसके बजाय, नवंबर 2023 से ईरान समर्थित हूती विद्रोही जहाजों पर हमले कर रहे थे। लेकिन अब गाजा में हुए युद्धविराम के बाद इस अभियान में कमी आ रही है।
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ब्रिटिश सैन्य केंद्र यूके मरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) ने शुक्रवार को एक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि ‘कई घटनाओं में जहाजों को रेडियो के माध्यम से चेतावनी दी गई।’ यूकेएमटीओ ने कहा कि यह ईरानी क्रांतिकारी गार्ड के बड़े पैमाने पर अभ्यास ‘ग्रेट प्रोफेट XVIII’ का हिस्सा हो सकता है।
अपने घर लौटने के लिए बेचैन फलस्तीनी
इस बीच, युद्धग्रस्त गाजा के उत्तर से विस्थापित फलस्तीनी लोग युद्धविराम के बाद अपने घरों की स्थिति जानने के लिए बेचैनी से इंतजार कर रहे हैं। दरअसल, गाजा के मध्य और दक्षिणी भागों में रहने वाले फलस्तीनी, युद्धग्रस्त उत्तर में अपने घरों की स्थिति देखने के लिए बेचैन हैं। गाजा पट्टी में युद्धविराम के समझौते की शर्तों के तहत उन्हें शनिवार से उत्तर की ओर जाने की अनुमति मिलेगी। इस दिन इस्राइली सैनिक एक महत्वपूर्ण सड़क से हटेंगे, और हमास चार इस्राइली बंधकों को रिहा करेगा, जिसके बदले में कई फलस्तीनी कैदियों को छोड़ा जाएगा।
घर लौटने को लेकर फलस्तीनियों की प्रतिक्रिया
15 महीनों के इस्राइली हमले और बमबारी के बाद, गाजा के लोगों को उत्तर और दक्षिण के बीच अधिक आजादी से आने-जाने का मौका मिलेगा। नादिया अल-दिब्स, जो देइर अल-बाला के अस्थाई तंबुओं में रह रही हैं, कहती हैं, ‘सबसे पहले, मैं उस जमीन की मिट्टी को चूमूंगी, जहां मेरा जन्म और पालन-पोषण हुआ।’ नफूज अल-रबाई, जो गाजा सिटी के अल-शाती शरणार्थी शिविर से विस्थापित हुई हैं, कहती हैं, ‘जब मैं अपने घर लौटूंगी, तो वह हमारे लिए खुशी का दिन होगा।’ लेकिन उन्होंने यह भी माना कि अपने घर और इलाके की तबाही को देखना दर्दनाक होगा।
हूती ने ट्रंप की ‘आतंकी संगठन’ की पहचान पर किया विरोध
इधर, यमन के हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश का विरोध किया, जिसमें उनके समूह को ‘आतंकी संगठन’ घोषित किया गया था। राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल में इस पहचान को हटा दिया था ताकि यमन के दशक पुराने युद्ध में शांति कायम की जा सके। हूती विद्रोहियों ने कहा कि यह पहचान ‘फलस्तीनी लोगों के समर्थन और अमेरिकी प्रशासन के इस्राइल पक्षधरता’ को दिखाती है।