रूस ने सोमवार को दावा किया कि यूक्रेन के सुमी में हुआ घातक मिसाइल हमला यूक्रेनी सैनिकों को निशाना बनाकर किया गया था। हालांकि यूक्रेन समेत यूरोप के कई देशों ने इसे युद्ध अपराध करार दिया है। यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि पाम संडे की सुबह दो बैलिस्टिक मिसाइलों ने यूक्रेन की सीमा से लगभग 30 किलोमीटर दूर सुमी शहर के बीचों बीच हमला किया। इन हमलों में कम से कम 34 लोग मारे गए, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे। इस हमले में 119 लोग घायल हुए हैं। यह यूक्रेन में बीते एक सप्ताह में दूसरा बड़ा हमला था।
क्या कहा रूस के रक्षा मंत्रालय ने
हमले के बारे में पूछे जाने पर क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि ‘रूस की सेना केवल सैन्य ठिकानों पर हमला करती है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमले में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की एक सभा को निशाना बनाया गया। उन्होंने यूक्रेन पर आरोप लगाया कि यूक्रेन द्वारा नागरिकों को ढाल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है और शहरों में सैन्य बैठकें आयोजित की जा रही हैं। रूसी मंत्रालय ने 60 से अधिक सैनिकों को मारने का दावा किया। हालांकि रूस ने अपने दावे के पक्ष में कोई सबूत नहीं दिया। वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने हमले को लेकर कहा कि ‘पहला हमला विश्वविद्यालय की इमारतों पर हुआ और दूसरा सड़क पर। उन्होंने सोमवार को सोशल मीडिया पर लिखा, ‘रूस पर केवल वास्तविक दबाव ही उसे रोक सकता है। हमें उन क्षेत्रों के खिलाफ ठोस प्रतिबंधों की आवश्यकता है जो रूस को वित्तपोषित करते हैं।’
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यूरोपीय देशों ने जताई नाराजगी
पोलैंड के विदेश मंत्री राडेक सिकोरस्की ने कहा कि, ‘मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रपति ट्रंप, अमेरिकी प्रशासन, यह देखेंगे कि रूस के नेता उनकी सद्भावना का मजाक उड़ा रहे हैं, और मुझे उम्मीद है कि सही फैसला लिया जाएगा।’ फिनलैंड के विदेश मंत्री ने कहा कि यह हमला ऐसे वक्त हुआ है, जब हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप के विशेष दूत ने शांति वार्ता को लेकर रूस का दौरा किया था, लेकिन उसके तुरंत बाद हुआ यह हमला दर्शाता है कि रूस, शांति प्रक्रिया की उपेक्षा कर रहा है। लिथुआनिया के विदेश मंत्री ने सुमी पर रूसी हमले को युद्ध अपराध करार दिया। फ्रांस की सरकार ने कहा कि हमले से पता चलता है कि रूस की सरकार युद्ध विराम का इरादा नहीं रखती है। उन्होंने यूरोपीय संघ से पुतिन के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की।
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