Sambhal Visit: एएसआई टीम का दौरा रद्द, जामा मस्जिद विवाद में नया मोड़


ASI team Sambhal Visit: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच आज 18 दिसंबर को आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम का दौरा होना था, लेकिन अचानक इसे रद्द कर दिया गया। यह निर्णय एएसआई टीम के एक सदस्य के परिवार में हुए निधन के कारण लिया गया। इस दौरे को लेकर जिला प्रशासन पहले ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर चुका था। खासकर मस्जिद के अंदर सर्वे को लेकर इलाके में तनाव बना हुआ था। जामा मस्जिद विवाद ने फिर से राजनीतिक और धार्मिक हलकों में गर्मी पैदा कर दी है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या इस रद्द किए गए दौरे से मस्जिद के सर्वे में और देरी होगी, और इससे संबंधित क्या कदम उठाए जाएंगे?

Sambhal जामा मस्जिद विवाद की पृष्ठभूमि

Sambhal की जामा मस्जिद उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे मुगल काल में बनाया गया था। यह मस्जिद अपनी स्थापत्य कला और ऐतिहासिक महत्व के कारण प्रसिद्ध है। मस्जिद के आसपास एक विवाद पहले से ही चल रहा था, जिसमें दावा किया गया था कि कभी इस जगह पर हरिहर मंदिर हुआ करता था। 19 नवंबर 2023 को संभल की स्थानीय अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर को एक सर्वे टीम ने मस्जिद का निरीक्षण किया, लेकिन सर्वे के दौरान विरोध प्रदर्शन हुआ और हिंसा भड़क गई। हिंसा में चार लोग मारे गए थे, जिसके बाद प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सरकार से न्यायिक आयोग का गठन करने की मांग की।

सर्वे पर रोक और हिंसा के बाद की स्थिति

24 नवंबर को भड़की हिंसा के बाद से मस्जिद का सर्वे और संबंधित विवादों पर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई। सरकार ने इस हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया, जिसका नेतृत्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा कर रहे हैं। इस आयोग को दो महीने के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।

क्या है एएसआई की भूमिका?

एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) का उद्देश्य देश में ऐतिहासिक धरोहरों की रक्षा करना और उनका संरक्षण करना है। Sambhal जामा मस्जिद के सर्वे की आवश्यकता इसलिए पड़ी, क्योंकि यह मस्जिद लंबे समय से एएसआई की निगरानी में नहीं थी। मस्जिद कमेटी का कहना है कि एएसआई अक्सर यहां सर्वे करने आता है, लेकिन कोई स्थायी निरीक्षण या जांच कभी नहीं होती। हालांकि, एएसआई ने इस बात की पुष्टि की है कि मस्जिद में प्रवेश करने से उसे लगातार रोका गया है, जिससे उसे मस्जिद के मौजूदा स्वरूप का ठीक से निरीक्षण करने में कठिनाई हो रही है।

कहीं यह विवाद बढ़ने वाला तो नहीं?

इस विवाद से जुड़ी कई याचिकाएं देशभर में कोर्ट में दाखिल की गई हैं। इन याचिकाओं में मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित ईदगाह मस्जिद का सर्वे भी शामिल है। इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद का भी सर्वे हो चुका है। इन घटनाओं के बीच राजनीतिक और धार्मिक दलीलों की बाढ़ आ गई है। अब देखना यह है कि एएसआई की टीम का यह रद्द किया गया दौरा आगे की दिशा में किस तरह से असर डालता है और क्या जामा मस्जिद विवाद का हल निकाला जा सकता है या यह और पेचीदा हो जाएगा।

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