बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान फेंगल शनिवार दोपहर पुडुचेरी के पास तट से टकरा सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि तट से टकराते समय 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इसके प्रभाव से तमिलनाडु और पुडुचेरी में कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी और कुछ जगहों पर अत्यधिक बारिश होने की संभावना है। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमों के साथ ही अन्य एजेंसियों को तैनात किया गया है।
भारतीय मौसम विभाग ने दी जानकारी
भारतीय मौसम विभाग(आईएमडी) ने कहा कि चक्रवाती तूफान फेंगल बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में अक्षांश 11.8°N और देशांतर 81.7°E के पास चेन्नई से लगभग 210 किमी दक्षिण-पूर्व में है। यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और 30 नवंबर की दोपहर को चक्रवाती तूफान के रूप में पुडुचेरी के पास कराईकल और महाबलीपुरम के बीच उत्तर तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों को पार करेगा, जिसकी हवा की गति 70-80 किमी प्रति घंटे से लेकर 90 किमी प्रति घंटे तक होगी।
चेन्नई रडार में चक्रवात फेंगल
चक्रवात फेंगल के प्रभाव के कारण, कई तटीय क्षेत्रों में उच्च ज्वार और बारिश के साथ मौसम में बदलाव देखा गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात फेंगल कल शाम तटीय क्षेत्र से टकराएगा।
आईएमडी की रिपोर्ट
आईएमडी की तरफ से शुक्रवार रात 8:40 बजे जारी ताजा जानकारी के मुताबिक, फेंगल नागापट्टिनम से लगभग 240 किमी पूर्व-उत्तरपूर्व, पुडुचेरी से 230 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व और चेन्नई से 250 किमी दक्षिणपूर्व में स्थित था।
वहीं इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 30 नवंबर को दोपहर के दौरान 70-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार और 90 किमी प्रति घंटे के झोंके के साथ पुडुचेरी के करीब कराईकल और महाबलीपुरम के बीच उत्तर तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों को पार करने की संभावना है।
तमिलनाडु सरकार का आग्रह
तमिलनाडु सरकार ने 30 नवंबर को घर से बाहर नहीं निकलने का आग्रह किया है। शैक्षणिक संस्थानों में शनिवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है। आईटी कंपनियों से अपने कर्मचारियों से घर से ही काम लेने को कहा गया है।
जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर के बाद तट के करीब ईस्ट कोस्ट रोड और ओल्ड महाबलीपुरम रोड पर सार्वजनिक परिवहन निलंबित कर दिया गया है। राज्य के विभिन्न जिलों में 2,229 राहत शिविर बनाए गए हैं। अब तक, 164 परिवारों के कुल 471 लोगों को तिरुवरूर और नागपट्टिनम जिलों के छह राहत केंद्रों में रखा गया है।
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