2000 से अधिक वर्ष पहले लिखी गई सिसरो की ‘ऑन ओल्ड एज’ उन रूढ़ियों को खारिज करती है जो आज भी कायम हैं

जैसे-जैसे नए साल का जश्न फीका पड़ता जाता है, हर जनवरी हमें बीतते समय की याद…