अज्ञात तथ्य: सड़कें किसी भी देश के विकास की रीढ़ होती हैं। इन्हीं पर देश की अर्थव्यवस्था टिकी होती है। जब भी हम सड़कों की बात करते हैं, तो दो नाम अक्सर सुनने को मिलते हैं। हाईवे और एक्सप्रेसवे। ये दोनों तेज यात्रा के लिए जाने जाते हैं और समय बचाते हैं, लेकिन इनमें कई अंतर भी हैं। आइए जानते हैं हाईवे और एक्सप्रेसवे के बीच क्या फर्क है।
हाईवे और एक्सप्रेसवे में अंतर
स्पीड लिमिट:एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट हाईवे के मुकाबले अधिक होती है।
उद्देश्य:एक्सप्रेसवे को दो बड़े शहरों के बीच हाई स्पीड यात्रा के लिए बनाया जाता है। वहीं, हाईवे शहरों और कस्बों को आपस में जोड़ने का काम करते हैं।
एंट्री और एग्जिट:एक्सप्रेसवे पर एंट्री और एग्जिट कंट्रोल्ड होते हैं, यानी यहां गिने-चुने रास्तों से ही प्रवेश और निकास होता है। दूसरी ओर, हाईवे पर एंट्री और एग्जिट कहीं से भी हो सकती है।
लेन की संख्या:एक्सप्रेसवे पर हाईवे की तुलना में ज्यादा लेन होती हैं।
डिजाइन:एक्सप्रेसवे का डिज़ाइन हाई-स्पीड वाहनों के लिए बनाया जाता है, जबकि हाईवे को यातायात की भीड़ को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जाता है।
दुनिया का सबसे बड़ा रोड नेटवर्क
सड़क नेटवर्क के मामले में दुनिया में सबसे आगे संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) है। अमेरिका का रोड नेटवर्क करीब 6,586,610 किलोमीटर लंबा है।
दूसरे स्थान पर भारत आता है, जहां रोड नेटवर्क 6,371,847 किलोमीटर लंबा है।
तीसरे स्थान पर चीन है, जिसका रोड नेटवर्क 5,200,000 किलोमीटर लंबा है।
भारत का स्थान
भारत के रोड नेटवर्क की गिनती दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में होती है। हमारे देश में हर साल नई सड़कों का निर्माण हो रहा है, जो लोगों की यात्रा को आसान बना रहा है।हाईवे और एक्सप्रेसवे दोनों का अपना महत्व है। हाईवे का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा इलाकों को जोड़ना है, जबकि एक्सप्रेसवे लंबी दूरी के सफर को तेज और आरामदायक बनाते हैं। दोनों सड़कों का सही इस्तेमाल देश के विकास के लिए बेहद जरूरी है।
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