Uttar Pradesh: सोमवार को जारी एक सरकारी रिपोर्ट में यह सामने आया कि भारत की नदियों में डॉल्फिन की कुल संख्या 6,327 है। यह सर्वेक्षण गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी प्रणालियों में किया गया। खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 2,397 डॉल्फिन पाई गई हैं।
‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ के तहत पहली बार आठ राज्यों, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम और पंजाब में इन डॉल्फिनों की गिनती की गई। यह सर्वेक्षण इस अनूठी प्रजाति की सुरक्षा और संरक्षण के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा डॉल्फिन
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में डॉल्फिनों की संख्या सबसे अधिक 2,397 दर्ज की गई है। इसके बाद बिहार में 2,220, पश्चिम बंगाल में 815, असम में 635, झारखंड में 162, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 95 जबकि पंजाब में केवल 3 डॉल्फिन पाई गईं।गंगा नदी डॉल्फिन भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान की गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना नदी प्रणाली और उसकी सहायक नदियों में पाई जाती है। वहीं, सिंधु नदी डॉल्फिन की एक छोटी आबादी भारत में सिंधु नदी प्रणाली में मौजूद है।
दुनिया का सबसे बड़ा मीठे पानी का सर्वेक्षण
‘भारत में नदी डॉल्फिन की आबादी की स्थिति’ नामक रिपोर्ट के अनुसार, यह दुनिया का सबसे बड़ा मीठे पानी का सर्वेक्षण है। इसमें गंगा और ब्रह्मपुत्र में गंगा नदी डॉल्फिन की पूरी श्रृंखला और व्यास नदी में सिंधु नदी डॉल्फिन की गिनती की गई।रिपोर्ट बताती है कि इस सर्वे में अनुमानित 6,327 गंगा नदी डॉल्फिन (रेंज: 5,977-6,688) और तीन सिंधु नदी डॉल्फिन पाई गईं। निष्कर्ष बताते हैं कि डॉल्फिन उन्हीं क्षेत्रों में पनपती हैं, जहां पानी की गहराई पर्याप्त होती है और मानवीय हस्तक्षेप कम होता है।
प्रोजेक्ट डॉल्फिन की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को डॉल्फिन और अन्य जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ की घोषणा की थी। इस परियोजना का मकसद नदी डॉल्फिन के अस्तित्व को सुरक्षित रखना और उनके प्राकृतिक आवास की रक्षा करना है।
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2021 से 2023 तक किया गया सर्वेक्षण
इस सर्वेक्षण को 2021 से 2023 के बीच अंजाम दिया गया। इसमें 8,000 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को कवर किया गया, जिसमें गंगा, ब्रह्मपुत्र, व्यास और उनकी सहायक नदियां शामिल थीं। इस दौरान 58 नदियों का अध्ययन किया गया, जिनमें से 28 नदियों का सर्वे नौकाओं के जरिए और 30 का सड़क मार्ग से किया गया।
। वन्यजीव सर्वेक्षण (टी) News1india
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