04:08 PM, 04-APR-2025
महबूबा मुफ्ती ने किया वक्फ बिल का विरोध
संसद में पारित वक्फ संशोधन विधेयक पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का कहना है, ‘ऐसा नहीं होना चाहिए। यह अल्पसंख्यकों और मुसलमानों की संस्था है और इस पर इस तरह से हमला करना और संसद में इसे पारित करना, मेरा मानना है कि डकैती के बराबर है, जो बहुत गलत है और ऐसा नहीं होना चाहिए।’
#घड़ी | श्रीनगर | संसद में पारित वक्फ संशोधन विधेयक पर, पीडीपी के प्रमुख महबूबा मुफ्ती कहते हैं, “ऐसा नहीं होना चाहिए। यह अल्पसंख्यकों और मुसलमानों की एक संस्था है, और इसे इस तरह से बुलडोज करने और संसद में इसे पारित करने के लिए, मुझे विश्वास है, डकैती की राशि, जो है … pic.twitter.com/ivj9bom34m
– वर्ष (@ani) 4 अप्रैल, 2025
03:39 PM, 04-APR-2025
कोलकाता में भी सड़कों पर उतरे मुस्लिम संगठनों के आक्रोशित प्रदर्शनकारी
#घड़ी | कोलकाता: मुस्लिम संगठन, वक्फ प्रोटेक्शन के लिए संयुक्त मंच के बैनर के तहत, वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। pic.twitter.com/gylv2ibwjq
– वर्ष (@ani) 4 अप्रैल, 2025
#घड़ी | पश्चिम बंगाल: मुस्लिम समुदाय के सदस्य वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में कोलकाता में सड़कों पर ले जाते हैं। pic.twitter.com/pkzrivaylz
– वर्ष (@ani) 4 अप्रैल, 2025
03:25 PM, 04-APR-2025
Waqf Bill Protest: संसद से वक्फ बिल पारित होने के बाद आक्रोश; अहमदाबाद-कोलकाता समेत कई शहरों में प्रदर्शन
वक्फ बिल विरोध: संसद के बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ संशोधन बिल बहुमत से पारित हो चुका है। अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर के बाद विधेयक कानून की शक्ल ले लेगा। प्रस्तावित कानून के खिलाफ कई मुस्लिम संगठनों में आक्रोश है। भाजपा शासित राज्य- गुजरात के अहमदाबाद और तृणमूल कांग्रेस शासित प्रदेश पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत कई शहरों में प्रदर्शन होने की शुरुआत हो गई है। अहमदाबाद में सड़कों पर उतरे आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
#घड़ी | अहमदाबाद: विभिन्न मुस्लिम संगठन वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हैं। pic.twitter.com/viavsuqf3d
– वर्ष (@ani) 4 अप्रैल, 2025
संसद से कब पारित हुए विधेयक
गौरतलब है कि लोकसभा से वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 तीन अप्रैल को पारित हुआ। दो अप्रैल को चर्चा की शुरुआत के बाद लगभग 12 घंटे की चर्चा हुई। देर रात विधेयक और इसमें प्रस्तावित संशोधनों पर वोटिंग के बाद लोकसभा से यह विधेयक देर रात 1.56 बजे पारित हुआ। इसके समर्थन में 288 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 232 वोट डाले गए। अगले दिन यानी चार अप्रैल को राज्यसभा में विधेयक पारित हुआ। राज्यसभा में तीन अप्रैल को इस विधेयक पर चर्चा की शुरुआत हुई। देर रात 2.32 बजे राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विधेयक पारित होने की घोषणा की। राज्यसभा में इस विधेयक को 128 सांसदों का समर्थन मिला, जबकि विरोध में 95 वोट डाले गए।